- 1961 में न र व र आश्रम सेवा समिति
- 1976 में पहला अन्नकूट महोत्सव
- 1977 में मदन मोहन मंडल की प्रथम पदयात्रा
- 1984 से हनुमान जी के दाईं ओर अखंड रामायण का पाठ
- 1984 में हनुमान जी की मंदिर छत का निर्माण
- 16 दिसंबर 1991 को सियाराम मंदिर का शिलान्यास
- 1993/1994 में आयुर्वेदिक औषधालय की स्थापना
- 8 जून 1997 को राम दरबार की प्राणप्रतिष्ठा
- 31 जनवरी 1999 में गणेश जी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा
- 8 जुलाई 2003 को जलाशय का लोकार्पण
- 30 मई 2006 को गायत्री माता जी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा
- 2014 में वैष्णो देवी मंदिर का जीर्णोद्धार कर उसको नया रूप दिया गया
- अन्नपूर्णा मंदिर 3 जून 2017 को स्थापना
- राधेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापना 9 जुलाई 2014
- गंगा माता की स्थापना गंगा दशमी 2008
- नृत्य गणेशजी की स्थापना 31 जनवरी 1999
- सत्संग भवन की स्थापना 5 मार्च 2019
- वैद विद्यालय का प्रारम्भ
लक्ष्मण डूंगरी की पहाडि़यां संतो और ऋषि मुनियो की तपो भूमि रही है | मानना है 300 वर्ष पूर्व हनुमान जी के परम भक्त बाबा निर्मल दास जी महाराज जिन्हे बाबा न र व र दास जी भी कहा जाता है, यात्रा करते हुए यहाँ आये और यहाँ का वातावरण और प्राकृतिक शोभा को देख यहीं रम गये | उन्होंने यहाँ एक पहाड़ी की चट्टान पे संजीवनी पर्वत हाथ में लिए हनुमान जी की मूर्ति उत्तीर्न कर अथवा करवाकर पवनपुत्र की साधना आरंभ की | निर्मल दास जी के देवलोक गमन पश्चात ये तपो भूमि विस्मृत हो गई |