JAI SHREE RAM...

अद्भुत है मंदिर का इतिहास

60 के दशक में शहर की पूर्वी पहाड़ियों की खोह में बहते बरसाती नाले और पहाड़ों के बीच निर्जन स्थान में जंगली जानवरों के डर से शहरवासी यहां का रूख भी नहीं कर पाते थे तब एक साहसी ब्राह्मण ने इस निर्जन स्थान का रूख किया और यहां पहाड़ पर लेटे हुए हनुमानजी की विशाल मूर्ति खोज निकाली। इस निर्जन जंगल में भगवान को देख ब्राह्मण ने यहीं पर मारूती नंदन श्री हनुमान जी की सेवा पूजा करनी शुरू कर दी और प्राणान्त होने तक उन्होंने वह जगह नहीं छोड़ी। खोले के हनुमानजी के वे परमभक्त ब्राह्मण थे पंडित श्री राधेलाल चौबे जी। चौबे जी के जीवनभर की अथक मेहनत का ही नतीजा है कि यह निर्जन स्थान आज सुरम्य दर्शनीय स्थल बन गया । 1961 में पंडित श्री राधेलाल जी चौबे ने मंदिर के विकास के लिए श्री न र व र आश्रम सेवा समिति की स्थापना की। जब यह स्थान निर्जन था तब पहाड़ों की खोज से यहां बरसात का पानी खोले के रूप बहता था। इस लिए मंदिर का नाम खोले के हनुमानजी पड़ा।

खोले के हनुमान जी मंदिर खास बात

खोले के हनुमानजी का मंदिर रामगढ़ मोड के पास राष्ट्रीय राजमार्ग सं-8 से लगभग 2 किमी अंदर है। मंदिर का भव्य मुख्यद्वार राजमार्ग पर है। यह प्राचीन दुर्ग शैली में बनी नवीन इमारत है। हनुमान जी के इस तीन मंजिला मंदिर की भव्य इमारत देखते ही बनती है। मंदिर के सामने बड़ा खुला चौक है। दरवाजे के ठीक दायीं ओर पंडित श्री राधेलाल जी चौबे की संगमरमर की भव्य समाधि बनी हुई है। खोले के हनुमान जी मंदिर में वैसे तो हमेशा ही श्रद्धालुओं की भीड़ रहती हैं लेकिन मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर लोग हनुमान जी के दरबार में सवामणी का आयोजन करते हैं। अन्नकूट के अवसर पर यहां लक्खी मेला लगता है।

हनुमान जी के मुख्य मंदिर के अलावा और भी हैं दर्शनीय मंदिर

तीन मंजिला इस भव्य मंदिर में भगवान हनुमान जी के अलावा राम दरबार, नृत्य गणेशजी, ऋषि वाल्मीकि,तुलसीदास जी,गायत्री मां, राधेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग , पहाड़ी पर वैष्णो माता मंदिर, गंगा माता मंदिर,माँ अन्नपूर्णा, वीर तेजा जी मंदिर,प्रेम भाया मंदिर, शिव परिवार के अलग अलग और भव्य मंदिर है। यहां श्रीराम दरबार में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की सुंदर विग्रह हैं। इस मंदिर में चारों ओर दीवारों एवं शीशे पर की गई पेंटिंग आकर्षक है। खोले के हनुमान जी मंदिर में प्रात: 5 बजे से लेकर रात्री 11 बजे तक दर्शन कर सकते है भगवान की पहली आरती प्रात 5:30 बजे और दूसरी आरती रात को 8:30 बजे होती है।

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Shree Khole Ke Hanuman Ji

दैनिक आरती कार्यक्रम

रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार

प्रातः वंदन @ 9.00 AM

संध्या आरती @ 8.30 PM

मंगलवार, शनिवार

प्रातः वंदन @ 9.00 AM

संध्या आरती @ 8.30 PM

संक्षिप्त विवरण

राजस्थान की राजधानी जयपुर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं। लेकिन खोले के हनुमान जी मंदिर की अपनी एक अलग ही पहचान है। यहां श्रद्धालुओं के अलावा देशी-विदेशी पर्यटक भी प्रकृति की मनोरम छटा को निहारने के लिए दूर-दूर से आते है। खोले के हनुमानजी मंदिर जयपुर के हवाई अड्डे से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर रेलवे स्टेशन से 11 किमी एवं सिंधी कैंप बस स्टैंड से 10 किमी की दूरी पर स्थित है| टैक्सी या ऑटो से पहुंचने के लिए 70 से 75 मिनट मैं पहुंचा जा सकता है|

हनुमान जी की महिमा

जब हनुमान जी ने लंका का दहन किया था, तो उस समय बहुत से जीव जंतु उस दहन में जल गए थे। उसके लिए हनुमान जी को यह प्रायश्चित करना था कि ब्रह्म के निमित्त ब्राह्मण भोज कराने से ब्रह्म हत्या का दोष कम होगा। कोई भी भक्त हनुमान जी के कृपा प्राप्ति के लिए हनुमान जी के निमित्त कितने ही ब्राह्मण जीमाए तो उसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी। यहाँ पर भक्त हनुमान जी को भोग लगाकर ब्राह्मण को जीमाए व दक्षिणा देकर ब्रह्म की कृपा की प्राप्ति करे। हनुमान जी भक्तों के उसी प्रकार कार्य सिद्धि एवं मनोकामना पूर्ण करते हैं, जैसे राम जी के कार्यों की सिद्धि की थी। भगवान राम को भी हनुमान जी की सहायता लेनी पड़ी थी, हमें भी हनुमान जी की सहायता मिले अतः हनुमान जी की भक्ति करनी चाहिए।

श्री खोले के हनुमान जी

"जय जय-जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाई|"

1

मंदिर में व्यवस्था

सुंदरकांड के पाठ,   रामायण के पाठ,  
हनुमान जी के भजन कीर्तन,   शिवजी के सहस्त्र घट,  
यज्ञ - जप - सवामणी,   रामधुनी

2

भोग

गेहूं का चूरमा,   रोट,   गुड-चने,  
बूंदी के लड्डू,   पान का बीड़ा,   तुलसी माला,  
दाने,   बर्फी,  
विशेष प्रसाद हेतु मंदिर के पुजारी से संपर्क करें।

3

पोशाक

पोशाक बनवाने हेतु पुजारी से संपर्क करें|

4

हनुमान जी का चोला

सिंदूर, चमेली, देसी घी, चांदी के वर्क, प्रसाद, फूल-माला, अगरबत्ती, दीया-बत्ती आदि|

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