संस्थापक : अनन्त श्री विभूषित पं राधेलाल जी चौबे (ब्रह्मलीन)
रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार
प्रातः वंदन @ 9.00 AM
संध्या आरती @ 8.30 PM
मंगलवार, शनिवार
प्रातः वंदन @ 9.00 AM
संध्या आरती @ 8.30 PM
श्री खोले के हनुमान जी
राजस्थान की राजधानी जयपुर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं। लेकिन खोले के हनुमान जी मंदिर की अपनी एक अलग ही पहचान है। यहां श्रद्धालुओं के अलावा देशी-विदेशी पर्यटक भी प्रकृति की मनोरम छटा को निहारने के लिए दूर-दूर से आते है। खोले के हनुमानजी मंदिर जयपुर के हवाई अड्डे से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर रेलवे स्टेशन से 11 किमी एवं सिंधी कैंप बस स्टैंड से 10 किमी की दूरी पर स्थित है| टैक्सी या ऑटो से पहुंचने के लिए 70 से 75 मिनट मैं पहुंचा जा सकता है|
जब हनुमान जी ने लंका का दहन किया था, तो उस समय बहुत से जीव जंतु उस दहन में जल गए थे। उसके लिए हनुमान जी को यह प्रायश्चित करना था कि ब्रह्म के निमित्त ब्राह्मण भोज कराने से ब्रह्म हत्या का दोष कम होगा। कोई भी भक्त हनुमान जी के कृपा प्राप्ति के लिए हनुमान जी के निमित्त कितने ही ब्राह्मण जीमाए तो उसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी। यहाँ पर भक्त हनुमान जी को भोग लगाकर ब्राह्मण को जीमाए व दक्षिणा देकर ब्रह्म की कृपा की प्राप्ति करे। हनुमान जी भक्तों के उसी प्रकार कार्य सिद्धि एवं मनोकामना पूर्ण करते हैं, जैसे राम जी के कार्यों की सिद्धि की थी। भगवान राम को भी हनुमान जी की सहायता लेनी पड़ी थी, हमें भी हनुमान जी की सहायता मिले अतः हनुमान जी की भक्ति करनी चाहिए।
"जय जय-जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाई|"
सुंदरकांड के पाठ, रामायण के पाठ,
हनुमान जी के भजन कीर्तन, शिवजी के
सहस्त्र घट,
यज्ञ - जप - सवामणी, रामधुनी
गेहूं का चूरमा, रोट, गुड-चने,
बूंदी के लड्डू, पान का
बीड़ा, तुलसी माला,
दाने, बर्फी,
विशेष प्रसाद हेतु
मंदिर के पुजारी से संपर्क करें।
पोशाक बनवाने हेतु पुजारी से संपर्क करें|
सिंदूर, चमेली, देसी घी, चांदी के वर्क, प्रसाद, फूल-माला, अगरबत्ती, दीया-बत्ती आदि|